खंडवा। एक वर्ष पूर्व अपने पति की हत्या हो जाने से शारीरिक रूप से कमजोर हुए ग्राम देलवाड़ा की मुझलो बाई पति छग्गू मानसिक रूप से पीडि़त होकर विगत दिनों अपने आठ वर्षीय पुत्र राधेश्याम के साथ खंडवा पहुंची और पुत्र की तबीयत खराब होने के कारण उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया जहां उपचार के दौरान उसके पुत्र की मृत्यु हो गई। अकेली रह जाने के कारण मुझलो बाई अपने आपको असहाय समझकर और ज्यादा दुखी हो गई और अपने मृत पुत्र को छोड़कर चली गई। समाजसेवी मुख्त्यार मनिहार एवं सुनील जैन के सहयोग से स्टेशन पर घूम रही इस महिला को सीड्स संस्था की अनिता सिंह चौहान के आश्रम पहुंचाया गया
और पूछताछ के दौरान उसने अपने भाई और अन्य का पता बताया। मोघट थाना द्वारा परिजनों का पता लगाकर उन्हें खंडवा बुलाया गया जिसमें महिला के दो भाई दुर्गाप्रसाद व बेलसिंह एवं महिला के पड़ोसी अनिल वर्मा खंडवा पहुंचे और पीडि़त महिला मुझलो बाई को अपने साथ लिया और जिला अस्पताल पहुंचे जहां महिला के पुत्र राधेश्याम के शव का परिजनों की उपस्थिति पीएम करवाकर पंचनामा बनाया गया। साथ ही पूर्व निमाड़ सामाजिक सांस्कृतिक सेवा समिति के सदस्यों के साथ परिजनों व मुझलों बाई की उपस्थिति में राजा हरिशचंद मुक्तिधाम पर अंतिम संस्कार किया गया। इस अवसर पर संस्था के सदस्य एवं समाजसेवी सुनील जैन, मुबारिक पटेल, मुख्त्यार मनिहार, संदीप राठौर, जितेन्द्र चौहान, प्रदीप लाड़ के साथ परिजनों ने दो मिनट का मौन रख मृत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर समाजसेवी सुनील जैन परिजनों से कहा कि यह दुखियारी मां जो अब अकेली हो चुकी है इसे संभालने की जवाबदारी आप लोगों की है, यदि आप इस मां को नहीं संभालने में असमर्थ हो तो हम इन्हें ओंकारेश्वर स्थित वृद्धाश्रम पहुंचा सकते हैं। महिला के भाईयों ने कहा कि यह हमारी बहन ही नहीं मां है इसे हम संभालेंगे।
-Post By jaishreedadajiworldnews.com